गुरुवार, 17 जून 2010

करते रहने से

अभिव्यक्ति देना बेहतर है चिंतन भर करते रहने से। क्रियाशील रहना बेहतर है मंथन भर करते रहने से ।
हर रचना इतिहास रचे ही रचना का उद्देश्य नहीं ,रचना का रचना बेहतर है सपने भर रचते रहने से ।
पांवों को गंतव्य मिले ही पथ का ऐसा पंथ नहीं ,कुछ दूर भटकना ही बेहतर है क़दमों को गिनते रहने से ।
प्रयासों की सार्थकता में परिवर्तन प्रतिभूति नहीं ,समाधान करना बेहतर है आशंका करते रहने से ।
शब्द सदा ही व्यर्थ जहाँ संवाद मौन की भाषा है ,भावों को पढना बेहतर है परिभाषा करते रहने से ।
संबंधों के संयोजन में प्रेम तत्त्व ही प्रयोजन हा ,आत्मसात करना बेहतर है ,विश्लेषण करते रहने से।
पीड़ा का अनुवाद सदा आंसू में करना ठीक नहीं ,पत्थर हो जाना बेहतर है मन ही मन गलते रहने से .

1 टिप्पणी:

  1. सार्थक व सारगर्भित कथनों से सजी सुन्दर रचना..शुभकामनाएं।

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