सोमवार, 28 जून 2010

तेरा चेहरा प्यारा लगता है

मुझको तो बस तेरा चेहरा प्यारा लगता है ।
तेरे आगे अपना ये दिल हारा लगता है ।
जब भी तू आता है खुशियाँ साथ चलीं आतीं हैं ,
महका -महका मुझको आलम सारा लगता है ।
किसी बात पर कभी खिलखिला कर हंस पड़ते हो ,
छूटा कोई तेज हंसी का फौव्वारा लगता है ।
प्यार में तेरे देखी है तासीर अजब सी मैंने ,
शबनम की मानिंद मुझे अब अंगारा लगता है ।
सहन नहीं होता है मुझसे कभी रूठना तेरा,
दिल के भीतर मानों फैला अँधियारा लगता है ।
तेरे होठों की खामोशी है बेदर्द बड़ी ही ,
आँखों का हर आंसू तेरा हत्यारा लगता है ।
तेरे बिना मुझे दुनिया की दौलत नहीं पसंद ,
तुझको पा लेना ही मुझको पौ - बारा लगता है .

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