मंगलवार, 22 जून 2010

तुझ से दिल की बात कहूं

बहुत दिनों से सोच रहा हूँ तुझ से दिल की बात कहूं । तेरे बिना नहीं कटते हैं अब तो ये दिन रात कहूं ।
तू दिखलाई नहीं अगर दे दिल उदास हो जाता है ,तेरी एक झलक दे जाती खुशियों की सौगात कहूं ।
कैसे -कैसे ख्याल हजारों मुझको घेरे रहते हैं ,दिल ही दिल में घुट कर रह जाते हैं जज्बात कहूं ।
अहसास जरा भी होता तुमको मेरी चाहत का ,मुझ पर क्या क्या गुजरी है सब के सब हालातकहूं ।
अपने अश्क छुपाकर हँसना कितना मुश्किल होता है ,तुझसे मिलकर आँखों से होती है बरसात कहूं.

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