सोमवार, 21 जून 2010

मुस्कान दिखा

मुझसे करके प्यार नहीं अहसान दिखा। जो तू सच्चा है सच्ची पहचान दिखा ।
वैसे तो तू रहता है मेरे दिल में, मगर मुझे ना तू बनकर के मेहमान दिखा ।
कहने को तो प्यार नाम लुटने का है ,मगर लूटकर मेरे ना अरमान दिखा ।
तेरा प्यार इबादत जैसा मान लिया ,मैं भी सजदा करूं भगवान् जरा दिखा ।
सच है लोग संवर जाते हैं प्यार जिन्हें ,जानबूझ कर ना बिखरा सामान दिखा ।
मुझे सताकर तुझको क्या मिल जाएगा ,अपने दिल पर अल्फाजों के चला तीर कमान दिखा ।
अगर तुझे है बहुत भरोसा अपने ऊपर ,आँखों में आंसू लब पर मुस्कान दिखा .

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें