बुधवार, 28 जुलाई 2010

अच्छी बात नहीं

वादा करके फिर ना आना अच्छी बात नहीं ।
आशिक दिल को यूँ तडपाना अच्छी बात नहीं ।
तुम मुझको चाहो ना चाहो ये तेरी मर्जी है ,
पर बेगानापन दिखलाना अच्छी बात नहीं ।
जिससे तेरी खातिर अपना सब कुछ छोड़ दिया ,
उसे छोड़ कर तनहा जाना अच्छी बात नहीं ।
उम्मीदों के दीप जलाकर रखा राह पर जिसने ,
उसे अंधेरों से भर जाना अच्छी बात नहीं ।
तुम क्या जानो सपने कैसे पलकों पर पलते हैं ,
चूर -चूर सारे कर जाना अच्छी बात नहीं .

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें