याद आएँगी हमें कप्तान की बातें ।
नेक दिल सच्चे भले इंसान की बातें ।
डूब जाते थे सदा जो काम में अपने ,
पर नहीं डूबे कभी भी जाम में अपने ।
मस्त मौला आदमी की आन की बातें ।
खेल का मैदान हो या रेल का परिसर ,
बात समता की कही हर हाल में अक्सर ।
प्यार ही बांटा न की अपमान की बातें ।
बात दुःख -सुख की रही या बात पीने की ,
साथ मरने की रही या साथ जीने की ,
ईमान से करे रहे ईमान की बातें ।
जानते थे ये सभी को नाम से उनके ,
साथ चल देते हमेशा काम से उनके ,
अजनबी के साथ भी पहचान की बातें ।
अज्ज जब पहना रहे हैं हां फूलों का ,
एक विनती है न रखना ख्याल भूलों का ,
माफ़ कर देना सभी विषपान की बातें ।
आप जैसे भी जहां जिस हाल में भी हों ,
उम्र के गुजरे हुए जिस साल में भी हों ,
काम आयें आपके भगवान् की बातें .
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