नाजुक सी है चीज मीरा दिल रखना इसे संभाल ।
ऐसा न हो कभी भूल से तुम दो इसे उछाल ।
इसके भीतर जाने कितने ऐसे राज छुपे हैं ,
अगर उजागर हो जौयें तो आ जाए भूचाल ।
जाने कितनी प्रेम कहानी इसमें दबी पड़ीं हैं ,
जिनका दर्द यदि कोई सुनले हो जाए बेहाल ।
कसमें -वादे प्यार वफ़ा कुछ नफरत कुछ रुसवाई ,
दिल में क्या क्या सहा आज तक नहीं है पुरसाहाल ।
अब तक दिल ने जो भी चाहा उसे कभी भी नहीं मिला ,
मगर आज माँगा जो तुमसे मत देना तुम टाल.
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें