रविवार, 18 जुलाई 2010

जाके पिया मोह भूल न जाना

जाके पीया मोह भूल न जाना .सावन बीत न जाए आना ।
तुम बिन सब जग सूना लागे ,
पास तुम्हारे मन मेरा भागे ,
तुब बिन नहीं मेरा और ठिकाना ।
जाके पिया ...
देखो साजन बैरी जमाना ,
याद तुम्हारी एक बहाना ,
सौतन के भरमा न जाना ।
जाके पिया ...
गीत विरह के जब मैं गाऊं,
प्रीतम जिस दिन तुम्हें बुलाऊं ,
छोड़ के सब कुछ तुम चले आना ।
जाके पिया ...

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