सिवा तुम्हारे किसी और का प्यार मुझे मंजूर नहीं ।
बीच हमारे कोई खड़ी दीवार मुझे मंजूर नहीं ।
चलो तुम्हारी पहली गलती समझ के मैंने माफ़ किया ,
लेकिन पहली -सी गलती हर बार मुझे मंजूर नहीं ।
तुम रूठोगे भी तो मुझसे तुम्हें मना भी लूँगा मैं ,
मगर गैर का बन जाना मुख्तार मुझे मंजूर नहीं ।
तुम कह दो तो प्यार की खातिर मैं कुछ भी कर सकता हूँ ,
वरना करना लोगों की बेगार मुझे मंजूर नहीं ।
जब तक तुमको देख नहीं लूं चैन मुझे न आता है ,
किसी और सुन्दर चेहरे का दीदार मुझे मंजूर नहीं .
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