दिवाली दियों को जलाने का मौसम ।
अन्धेरा जमीं से भगाने का मौसम ।
किसी बात पर जो बुरा मान बैठे ,
ये रूठे हों को मनाने का मौसम ।
जिसे भूल कर भी भुला हम न पाए ,
उसे भूल कर के भुलाने का मौसम ।
जहां भूल कर भी न कोई हंसा हो ,
उसी घर में खुशियाँ बुलाने का मौसम ।
कभी टूट कर दिल जो तनहा हुआ हो ,
उसे प्यार देकर निभाने का मौसम .
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