सोमवार, 26 जुलाई 2010

मुहब्बत करने वाले

कैसे हैं ये लोग मुहब्बत करने वाले ।
इस दुनिया से नहीं ज़रा भी डरने वाले ।
इन्हें जरूरत नहीं जमाने की चीजों की ,
चाँद सितारों को दामन में भरने वाले ।
उड़ते हैं दिन रात आसमां में खाबों में ,
भला कहाँ ये पाँव जमीं पर धरने वाले ।
इनकी आँखों में कैसे ये सपने रहते हैं ,
जहां अश्क हैं झरनों जैसे झरने वाले ।
जीने की है बड़ी तमन्ना ताकयामत ,
एक नजर पर ये किसी की मरने वाले .

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