सोमवार, 5 जुलाई 2010

कुछ पैसे रोजाना जोड़ो

बेमतलब के खर्चे छोडो ।
कुछ पैसे रोजाना जोड़ो।
खाब हकीकत नहीं बनें तो ,
उनसे बेशक नाता तोड़ो।
जब तक रस देता जाता है ,
मेहनत का फल खूब निचोड़ो ।
दौलत की मदहोशी हो जब ,
खुद को खुद से बहुत झिंझोड़ो ।
खुशियाँ जिस्दम घर में आयें,
ढेरों नहीं पटाखा छोडो ।
अगर रास्ता सीधा ना हो ,
साथ -साथ खुद को भी मोड़ो ।
अपनी गलती पर औरों की ,
खाम -ओ -ख्वाह न बांह मरोड़ो ।
अपना ईनाम न खोने देना ,
चाहे दे कोई रुपये करोड़ों ।
चाहे जितना वक्त बुरा हो ,
नहीं झूठ की चादर ओढो ।
अगर फसल अच्छी चाहो तो ,
मिटटी को कुछ गहरा गोड़ो.

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