मैंने तुझसे प्यार किया है तू भी मुझसे कर ।
दुनियां वाले कुछ भी बोलें नहीं किसी से डर ।
प्यार बिना इस दुनियां में जीना है मुश्किल ,
पैरों की जंजीरों को तू टुकड़े -टुकड़े कर ।
अब तक सपनों ने तुझको कितना तरसाया है ,
खुली हुई आँखों से देखो उनको तू जी भर कर ।
अब तो दिल की बात लबों पर आ भी जाने दो ,
बे मतलब बेबजह न आहें चुपके चुपके भर ।
प्यार पे पहरे बैठाने की रही रवायत है ,
इन पहरों से बाहर आने का जरा होंसला कर ।
कितना सुन्दर मौसम है कुछ इसका लुत्फ़ उठा ,
अपने दामन मेंखुशियाँ जितना जी चाहे भर .
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