मंगलवार, 6 जुलाई 2010

तुझको जाने देता ना

मेरा तुझ पर बस चलता जो तुझको जाने देता ना ।
चुपके -चुपके यादों में यूँ अश्क बहाने देता ना ।
तेरे सारे गम ले लेता अपनी सारी खुशियाँ दे,
अरमानों के रौशन सारे दिए बुझाने देता ना ।
पैरों में जकड़न ना होती और बंदिशें मिलने में ,
तन्हाई को दिल में तेरे जगह बनाने देता ना ।
तेरी आँखों के सपने तब्दील हकीकत करता मैं,
हाथों की रेखाओं में तकदीर लिखाने देता ना ।
वक्त का पतझड़ आने पर भी मुरझाते जो फूल अगर,
होंठों पर खिलती मुस्कानें यूँ मुरझाने देता ना ।
हम सफ़र राह में तुझे अकेला कभी छोड़कर जाता जो ,
तनहा तनहा तुझे ग़मों का बोझ उठाने देता ना .

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