गुरुवार, 15 जुलाई 2010

चिड़िया

चिड़िया जब सोच लेती है /
बनाना कोई घोंसला /
तो कोई भी पस्त नहीं कर पाता है /
उसका होंसला /
एक बा ऐसा ही हुआ था /
एक चिड़िया ने मेरे घर में /
घोसला बनाना सोच लिया था /
मैंने कई बा उसके घोंसले को /
तहस नहस किया था /
किन्तु उसने घोंसला बनाना नहीं छोड़ा /
इसी बनाने के चक्कर में /
घनघनाते बिजली के पंखे से/
टकराकर अपने प्राण खो बैठी /
परन्तु उसके द्वारा बनाया गया घोसला /
अभी भी विद्यमान है .

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें