जोर जोर से डेक बजाकर कितना शोर मचाते हो ।
गानों के अल्फाजों में तुम अपनी बात सुनाते हो ।
तुम क्या जानो मेरे दिल का हाल बुरा हो जाता है ,
इक बेचैनी सी छा जाती चैन कहीं खो जाता है ।
तुम तो अपनी धुन में पागल दीवाने बन जाते हो ,
दर्द भरी आवाज तुम्हारी बनके सदा उभरती है,
बेकाबू दिल हो जाता है कितनी कठिन गुजरती है ।
तुम को क्या मिल जाता है जो मुझको यूँ तडपाते हो ,
अपने प्यार को रुसवा करना ये तो अच्छी बात नहीं ,
जिसकी कोई सुबह नहीं हो ऐसी कोई रात नहीं ,
इतनी सी ये बात नहीं क्यों खुद को तुम समझाते हो .
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