आज है मौसम सुहाना कल रहेगा क्या पता ।
ये लबों का मुस्कराना कल रहेगा क्या पता ।
रूठ कर जाने न देना यार को अपने कभी,
ये मुहब्बत दोस्ताना कल रहेगा क्या पता ।
हुश्न की दौलत पे इतना आप न इतराइये ,
जिस्म का शाही खजाना कल रहेगा क्या पता ।
आरजू ,हसरत,तमन्ना ,जुस्तजू ,चाहत ,वफ़ा ,
दर्दे दिल आशिक जमाना कल रहेगा क्या पता ।
ये भवन,अट्टालिकाएं ,आसमान छूते किले,
खूबसूरत आशियाना कल रहेगा क्या पता ।
छेड़ दो मिलकर फिजां में प्यार की इक रागिनी ,
महफ़िलों का यों सजाना कल रहेगा क्या पता .
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें