रविवार, 11 जुलाई 2010

मुझसे छुपने कि नाकाम कोशिश न कर

मुझ से छुपने कि नाकाम कोशिश न कर ,तेरे चेहरे से पर्दा हटा देंगे हम ।
मेरी नजरों से नजरें चुराया न कर ,दास्ताने -मुहब्बत बना देंगे हम ।
इस ज़माने का मुझको नहीं कोई डर, जो बदल दे इरादा मेरा अटल ,
देख कर तू मुझे मुस्काया न कर ,गुल कोई न कोई इक खिला देंगे हम ।
चाहने वाले तुझको मिलेंगे बहुत ,थाम लें हाथ तेरा मिलेंगे नहीं ,
इक इशारा भर तेरा जो हल्का सा हो ,अपनी सांसों में तुझको बसा लेंगे हम।
तू हमेशा उन कूचों से गुजरा न कर ,लोग तुझ पसर हँसेंगे यों बदनाम कर ,
तू कदम इस तरफ जो बढ़ा दे जरा ,अपनी पलकों में तुझको छुपा एंगे हम ।
रंग खुशियों का तेरा जो उड़ने लगे ,रौशनी में अँधेरा जो आये नजर ,
अक्ष फीका मेरे पास लाओगी गर ,हुश्न तेरा नया फिर बना देंगे हम .

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